Monday, September 24, 2018

पितृ पक्ष का आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व

पितृ पक्ष का आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व
    आश्विन कृष्णपक्ष प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक ऊपर की रश्मि तथा रश्मि के साथ पितृप्राण पृथ्वी पर व्याप्त रहता है। श्राद्ध की मूलभूत परिभाषा यह है कि प्रेत और पितर के निमित्त, उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए श्रद्धापूर्वक जो अर्पित किया जाय वही श्राद्ध है। मृत्यु के बाद दशगात्र और षोडशी-सपिण्डन तक मृत व्यक्ति की प्रेत संज्ञा रहती है। सपिण्डन के बाद वह पितरों में सम्मिलित हो जाता है।
    पितृपक्ष में पुत्र या उसके नाम से उसका परिवार जो यव (जौ) तथा चावल का पिण्ड देता है, उसमें से रेतस् का अंश लेकर वह चन्द्रलोक में अम्भप्राण का ऋण चुका देता है। ठीक आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से वह चक्र ऊपर की ओर होने लगता है। 15 दिन अपना-अपना भाग लेकर शुक्ल प्रतिपदा से उसी रश्मि के साथ रवाना हो जाता है। इसीलिये इसको पितृपक्ष कहते हैं। अन्य दिनों में जो श्राद्ध तथा तर्पण किया जाता है, उसका सम्बन्ध सूर्य की उस सुषुम्ना नाड़ी से रहता है, जिसके द्वारा श्रद्धारश्मि मध्यान्हकाल में पृथ्वी पर आती रहती है और यहाँ से तत्तत् पितर का भाग ले जाती है, परन्तु पितृपक्ष में जितने पितृप्राण चन्द्रमा के ऊर्ध्व देश में रहते है, वे स्वतः चन्द्रपिंड की परिवर्तित स्थिति के कारण पृथ्वी पर व्याप्त रहते हैं। इसी कारण पितृपक्ष में तर्पण और श्राद्ध का इतना अधिक माहात्म्य है।
    प्रत्येक शरीर में आत्मा तीन रूप में व्याप्त है-1. विज्ञानात्मा, 2. महानात्मा, 3. भूतात्मा। विज्ञानात्मा (उसे कहते हैं जो) गर्भाधान से पहले स्त्री पुरूष में सम्भोग की इच्छा प्रकट करता है। वह रोदसी मण्डल से आता है। रोदसी मण्डल पृथ्वी से 27 हजार मील की दूरी पर स्थित है। महानात्मा चन्द्रलोक से पुरूष के शरीर में 28 अंशात्मक रेतस् बनकर आता है, उसी 28 अंश रेतस् से पुरूष पुत्र पैदा करता है। भूतात्मा माता द्वारा खाये गये अन्न के रस से बने वायु द्वारा गर्भ पिण्ड में प्रवेश करता है। उसे वायु में अहंकार का ज्ञान होता है। उसी को प्रज्ञानात्मा तथा भूतात्मा कहते हैं। यह भूतात्मा पृथ्वी के सिवा अन्य किसी लोक में नहीं जा सकता। मृत प्राणी का महानात्मा स्वजातीय चन्द्रलोक में चला जाता है। चन्द्रलोक में उस महानात्मा से 28 अंश रेतस् माँगा जाता है, क्योंकि चंद्रलोक से 28 अंश लेकर ही वह उत्पन्न हुआ था। इसी 28 अंश रेतस् को पितृऋण कहते हैं। 28 अंश रेतस् के रूप में श्रद्धा नामक मार्ग से भेजे जाने वाले पिण्ड तथा जल आदि के दान को ही श्राद्ध कहते है। इस श्राद्ध नामक मार्ग का सम्बन्ध मध्यान्हकाल में पृथ्वी से होता है। इसीलिए मध्यान्हकाल में श्राद्ध करने का विधान है। पृथ्वी पर कोई भी वस्तु सूर्यमण्डल तथा चन्द्रमण्डल के सम्पर्क से ही बनती है। संसार में सोम सम्बन्धी वस्तु विशेषतः चावल और यव हैं। यव में मेधा की अधिकता है। धान और यव में रेतस् (सोम) का अंश विशेष रूप में रहता है। आश्विन कृृष्णपक्ष (पितृ पक्ष) में यदि चावल तथा यव का पिण्डदान किया जाय तो चन्द्रमंडल को 28 अंश रेतस् पहुँच जाता है। पितर इसी चन्द्रमा के ऊर्ध्व देश में रहते हैं, विदूर्ध्वलोके पितरो वसन्तः स्वाधः सुधादीधित मामनन्ति। (गोलाध्याय)।
    धर्मशास्त्र का निर्देश है कि माता-पिता आदि के निमित्त उनके नाम और गोत्र का उच्चारण कर मंत्रों द्वारा जो अन्न आदि अर्पित किया जाता है, वह उनको प्राप्त हो जाता है। उन्हें गन्धर्वलोक प्राप्त होने पर भोग्यरूप में, पशुयोनि में तृणरूप में, सर्पयोनि में वायु रूप में, यक्षयोनि में पेयरूप में, दानवयोनि में मांसरूप में, प्रेतयोनि में रूधिररूप में, और मनुष्यरूप में अन्न आदि के रूप में उपलब्ध होता है।
    जब पितर यह सुनते हैं कि श्राद्धकाल उपस्थित हो गया है तो वह एक दूसरे का स्मरण करते हुए मनोमय रूप से श्राद्धस्थल पर उपस्थित हो जाते हैं और ब्राह्मणों के साथ वायु रूप में भोजन करते हैं। यह भी कहा गया है कि जब सूर्य कन्या राशि में आते हैं तो पितर अपने पुत्रों पौत्रों के यहाँ आते हैं। विशेषतः आश्विन अमावस्या के दिन वह दरवाजे पर आकर बैठ जाते हैं। यदि उस दिन उनका श्राद्ध नहीं किया जाता तो वह शाप देकर लौट जाते हैं। अतः उस दिन पत्र-पुष्प, फल और जल तर्पण से यथाशक्ति उनको तृप्त करना चाहिए। श्राद्ध से विमुख नहीं होना चाहिए। कन्या गते सवितरि पितरो यान्ति वै सुतान्। अमावस्या दिने प्राप्ते गृहद्वारं समाश्रिताः। श्राद्धाभावे स्वभवनं शापं दत्वा व्रजन्ति ते।।
    मुख्यतः श्राद्ध दो प्रकार के है। पहला एकोद्दिष्ट और दूसरा पार्वण, लेकिन बाद में चार श्राद्धों को मुख्यता दी गई। इनमें पार्वण, एकोद्दिष्ट, वृद्धि और सपिण्डीकरण आते हैं। आजकल यही चार श्राद्ध समाज में प्रचलित हैं। वृद्धि श्राद्ध का मतलब नान्दीमुख श्राद्ध है। श्राद्धों की पूरी संख्या बारह है- नित्यं नैमित्तिकं काम्य वृद्धिश्राद्ध सपिंडनम्। पार्वण चेति विज्ञेयं गोष्ठ्यां शुद्धयर्थष्टमम्।। कर्मागं नवमं प्रोक्तं दैविकं दशमं स्मृतमृ। यात्रा स्वेकादर्श प्रोक्तं पुष्टयर्थ द्वादशं स्मृतम्।।
    इनमें नित्यश्राद्ध, तर्पण और पंचमहायज्ञ आदि के रूप में, प्रतिदिन किया जाता है। नैमित्तिक श्राद्ध का ही नाम एकोद्दिष्ट है। यह किसी एक व्यक्ति के लिए किया जाता है। मृत्यु के बाद यही श्राद्ध होता है। प्रतिवर्ष मृत्युतिथि पर भी एकोद्दिष्ट ही किया जाता है। काम्य श्राद्ध, अभिप्रेतार्थ सिद्धर्य्थ अर्थात् किसी कामना की पूर्ति की इच्छा के लिए किया जाता है। वृद्धि श्राद्ध पुत्र जन्म आदि के अवसर पर किया जाता है। इसी का नाम नान्दी श्राद्ध है। सपिण्डनश्राद्ध मृत्यु के बाद दशगात्र और षोडषी के बाद किया जाता है। इसके बाद मृत व्यक्ति को पितरों के साथ मिलाया जाता है।
    प्रेतश्राद्ध में जो पिण्डदान किया जाता है, उस पिण्ड को पितरों को दिये पिण्ड में मिला दिया जाता है। पार्वण श्राद्ध प्रतिवर्ष आश्विन कृष्णपक्ष में मृत्यु तिथि और अमावस्या के दिन किया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य सभी पर्वों पर भी यह श्राद्ध किया जाता था। गोष्ठी श्राद्ध विद्वानों को सुखी समृद्ध बनाने के उद्देश्य से किया जाता था। इससे पितरों की तृप्ति होना स्वाभाविक है। शुद्धि श्राद्ध शारीरिक मानसिक और अशौचादि अशुद्धि के निवारण के लिए किया जाता है। कर्मांग श्राद्ध सोमयाग, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन आदि के अवसर पर किया जाता है। दैविक श्राद्ध देवताओं की प्रसन्नता के लिए किया जाता है। यात्राश्राद्ध यात्रा काल में किया जाता है। पुष्टिश्राद्ध धन-धान्य समृद्धि की इच्छा से किया जाता है।
    धर्मशास्त्रों में श्राद्ध के सम्बन्ध में इतने विस्तार से विचार किया गया है कि इसके सामने अन्य समस्त धार्मिक कृत्य गौण से लगने लगते हैं। शास्त्रकारों ने अपने पांडित्य और मनोविज्ञान का यत्परोनास्ति रूप प्रदर्शित किया है। जब घर में कोई नयी समृद्धि या मांगलिक उत्सव हो तो उस समय अपने स्वर्गीय जनों की याद आना नितांत स्वाभाविक है। जो कभी हमारे सुख, दुःख में सम्मिलत होते थे, उनकी स्मृति मिटाए नहीं मिटती। अतः यह इच्छा स्वाभाविक है कि वह अज्ञात लोक के वासी भी हमारे आनन्दोत्सव में सम्मिलित हों, शरीर से न सही, आत्मा से हमारे साथ रहें, अतः उनके प्रति श्रद्धावनत होना स्वाभाविक है। उनका शास्त्रीय मंत्रों द्वारा मानसिक आवाहन, पूजन ही श्राद्ध है।
    इस सत्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि मन की भावना बड़ी प्रबल होती है। श्रद्धाभिभूत मन के सामने स्वर्गीय आत्मा सजीव और साकार हो उठती है। श्राद्ध में माता-पिता आदि के रूप का ध्यान करना आवश्यक कर्तव्य निर्धारित किया गया है। लोगों का यह अनुभव है कि श्राद्ध के समय माता-पिता, पिता या किसी अन्य स्नेही की झलक दिखाई दी। आज का मनोविज्ञान भी श्राद्ध के इस सत्य के निकट पहुँचता जा रहा है।
    श्राद्ध के लिए जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है। उनपर भी शास्त्रों में बहुत विचार किया गया है। कौन वस्तु कैसी हो, कहाँ से ली जाय, कब ली जाय। भोजन सामग्री कैसी हो, किन पात्रों में बनायी जाय, कैसे बनायी जाय। फल, साग, तरकारी आदि में भी कुछ अश्राद्धीय ठहरा दी गयी है। प्रत्येक वस्तु की शुद्धता और स्तर निर्धारित कर दिया है। पुष्प और चन्दन जो निर्धारित है, उन्हीं का उपयोग हो सकता है।
    इसके अलावा श्राद्ध में कैसे ब्राह्मणों को आमन्त्रित किया जाय, किस प्रकार किया जाय, कब किया जाय और निमन्त्रित ब्राह्मण निमन्त्रण के बाद किस तरह का आचरण करें, भोजन किस प्रकार करें, आदि सभी बातें विस्तार पूर्वक बतलायी गयी हैं। ब्राह्मणों को, उत्तम, मध्यम और अधम तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। निषिद्ध ब्राह्मणों की सूची बड़ी लम्बी है। शास्त्र का कठोर आदेश है कि अन्य किसी धार्मिक कार्य में ब्राह्मणों की परीक्षा न की जाय, पर श्राद्ध में जिन ब्राह्मणों को आमन्त्रित करना हो, उनकी परीक्षा अवश्य की जाय और परीक्षा आमन्त्रित करने के पूर्व की जाय, बाद में नहीं- न ब्राह्मणं परीक्षेत देवै कर्मणि धर्मवित्। पित्रये कर्मणि तु प्राप्ते परीक्षेत प्रयत्नतः।
    उशनाः - भोजनं तु निःशेषं कुर्यात् प्राज्ञः कथन्चन।
        अन्यत्र दध्नः क्षीराद्वा क्षौद्रात्सक्तुभ्य एव च।।
    उशना ने कहा है - बुद्धिमान व्यक्ति कभी निःशेष भोजन न करे। अर्थात्-थाली में कुछ अवश्य छोड़ दे। लेकिन दधि, दूध सहत और सत्तु को नहीं छोड़ना चाहिए।
    ब्राह्मे - न चाश्रु पातयेज्जातु    न शुष्कां गिरमीयेत्।
        न चोद्विक्षेत् भुन्जानान न च कुर्वीत मत्सरम्।।
    ब्रह्मपुराण में कहा है - आँसू को न गिरावे। न रूखी वाणी कहे। भोजन करते हुए ब्राह्मणों को न देखें और न मत्सर ( डाह, ईर्ष्या ) करे।
    यमः -- स्वाध्यायं श्रावयेत्सम्यक् धर्मशास्त्राणि चैव हि।
    यम ने कहा है -- वेद और धर्मशास्त्रों को अच्छी प्रकार से सुनावे।
    गोत्रस्य त्वपरिज्ञाने    कश्यपं गोत्रमुच्यते।
    तस्मादाह श्रुतिः सर्वाः प्रज्ञाः कश्यपसंभवाः।।
    वहीं पर चन्द्रिका में स्मृत्यन्तर का वचन है कि - गोत्र के अपरिज्ञान में कश्यप गोत्र कहा है। इसीलिए श्रुति ( वेद ) ने कहा है कि - जितनी प्रजा हैं वे सब कश्यप से पैदा हुई है। यह व्यवस्था उनके लिए है जिन्हें अपना गोत्र नहीं मालूम है।
    श्राद्ध किसी दूसरे के घर में, दूसरे की भूमि पर कभी न किया जाय। जिस भूमि पर किसी का स्वामित्व न हो, सार्वजनिक हो, ऐसी भूमि पर श्राद्ध किया जा सकता है। शास्त्रीय निर्देश है कि दूसरे के घर में जो श्राद्ध किया जाता है, उसमें श्राद्ध करने वाले पितरों को कुछ नहीं मिलता। गृह-स्वामी के पितर बलात् सब छीन लेते हैं - परकीय गृहे यस्तु स्वात्पितृस्तर्पयेद्यदि। तद्भूमि स्वामिनस्तस्य हरन्ति पितरोबलात्।।
    यह भी कहा गया है कि दूसरे के प्रदेश में यदि श्राद्ध किया जाय तो उस प्रदेश के स्वामी के पितर श्राद्धकर्म का विनाश कर देते हैं- परकीय प्रदेशेषु पितृणां निवषयेत्तुयः। तद्भूमि स्वामि पितृभिः श्राद्धकर्म विहन्यते।।
    इसीलिए तीर्थ में किये गये श्राद्ध से भी आठगुना पुण्यप्रद श्राद्ध अपने घर में करने से होता है-तीर्थादष्टगृणं पुण्यं स्वगृहे ददतः शुभे। यदि किसी विवशता के कारण दूसरे के गृह अथवा भूमि पर श्राद्ध करना ही पड़े तो भूमि का मूल्य अथवा किराया पहले उसके स्वामी को दे दिया जाय।
    मृतक की अन्त्येष्टि और श्राद्ध की जो व्यवस्था इस समय प्रचलित है, वह हमारे वेदों में वर्णित है। गृह्यसूत्रों में पितृयज्ञ अथवा पितृश्राद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। आश्वलायन गृह्मसूत्र की सातवीं और आठवीं कण्डिका में विस्तार पूर्वक श्राद्ध विधि वर्णित की गयी है, मूलतः वेदों में भी श्राद्ध और पिण्डदान का उल्लेख किया गया है। श्राद्ध में जो मंत्र पढ़े जाते हैं, उनमें से कुछ ये हैं अत्र पितरो मादमध्वं यथाभागमा वृषायध्वम। इस पितृयज्ञ में पितृगण हृष्ट हो और अंशानुसार अपना-अपना भाग ग्रहण करें। नम वः पितरो रसाय। नमो वः पितरो शोषाय। पितरों को नमस्कार ! बसन्त ऋतु का उदय होने पर समस्त पदार्थ रसवान हों। तुम्हारी कृपा से देश में सुन्दर बसन्त ऋतु प्राप्त हो। पितरों को नमस्कार ! ग्रीष्म ऋतु आने पर सर्व पदार्थ शुष्क हों। देश में ग्रीष्म ऋतु भलीभाँति व्याप्त हो।
    इसी प्रकार छहों ऋतुओं के पूर्णतः सुन्दर, सुखद होने की कामना और प्रार्थना की गयी है। यह भी कहा गया है कि पितरों, तुम लोगों ने हमको गृहस्थ (विवाहित) बना दिया है, अतः हम तुम्हारे लिए दातव्य वस्तु अर्पित कर रहे हैं।
    वेदों के बाद हमारे स्मृतिकारों और धर्माचार्यों ने श्राद्धीय विषयों को बहुत व्यापक बनाया और जीवन के प्रत्येक अंग के साथ सम्बद्ध कर दिया। मनुस्मृति से लेकर आधुनिक निर्णय सिन्धु, धर्मसिन्धु तक की परम्परा यह सिद्ध करती है कि इस विधि में समय समय पर युगानुरूप संशोधन, परिवर्धन व परिवर्तन होता रहा है। नयी मान्यता, नयी परिभाषा, नयी विवेचना और तदनुरूप नई व्यवस्था बराबर होती रहती है। दुर्भाग्य की बात यह है कि विदेशी आधिपत्य के बाद जब हिन्दु समाज पंगु हो गया, समाज का नियन्त्रण विदेशी पद्धति और विधि-विधान से होने लगा तो युग की आवश्यकता के अनुरूप नयी परिभाषा, व्यवस्था का क्रम भी अवरूद्ध हो गया, फलस्वरूप उपयोगितावादी मानव मन की तुष्टि अपने पुरातन संस्कारों से नहीं हो पा रहीं है और वह संस्कार विहीन होता जा रहा है। जीवित माता पिता, बंधु-बाधव भी आज मात्र उपयोगितावादी की कसौटी पर कसे जा रहे हैं, तब माता-पिता के प्रति आस्था, श्रद्धा और भक्ति की तो बात ही क्या ! इतना ही नहीं, हमारी आस्था स्वयं अपने घर से डिगती जा रही है। देश में व्याप्त समस्त अशान्ति, विक्षोभ, असंतोष, अनैतिकता आदि का मूल कारण यही है।  जब हम स्वयं अघोर नहीं है तो अघोराः पितरः सन्तु की कामना कैसे कर सकते है।
संकलन- ऋद्धि विजय त्रिपाठी  

Tuesday, July 31, 2018

सन् 2018 में शेयर बाजार को प्रभावित करने वाले विशिष्ट ग्रह योग
जनवरी
    मासारम्भ में शुक्र व बुध के प्रभावी होने से बाजार का रूख कुछ गरम रहेगा। मारूती, रिलायंस जीयो, अम्बूजा सीमेन्ट, बजाज फाइनेन्सरी, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा, हुण्डई आदि के शेयर्स तेज होगें। परन्तु निवेशक शीघ्र फायदा उठायें यह अल्प कालिक योग है। माह के दूसरे सप्ताह प्रथम चार दिनों शुक्र का प्रभाव बना रहेगा अतः  टेक्सटाइल, नोकिया, सैमसंग, रिलायंस ग्रुप, बैक आफ बड़ौदा, एस.बी. आई, महिन्द्रा कोटक बैंक, व टाटाग्रुप आदि के शेयरों में मजबूती देखने को मिलेगी। इस सप्ताह के अंत में सूर्यदेव की मकर संक्रान्ति 30 मुहूर्ती साम्यर्घ पड़ेगी जो शेयर मार्केट में स्थिरता ले आयेगी यह समय खरीदारी का उपयुक्त समय है, बैकिंग, दवा आदि बनाने वाली कम्पनीयों के शेयर, रिलांयस जीयो, इलेक्ट्रानिक, ऐजुकेशन, कन्सट्रॅक्शन से जुड़ी कम्पनीयों, आई.टी., माइक्रोसाफ्ट, विप्रो, सोनी, टाटा ग्रुप मे निवेश करे लाभ होगा। तीसरे सप्ताह मे अमावस्या की वृद्धि होगी अतः बाजार में सभी शेयर्स मसलन रिलायंस, आई.सी.आई.सी.आई, विप्रो, पेंन्ट बनाने वाली कम्पनीयों आदि इण्डस्ट्री के शेयर्स, कोल्डडिं्रक कम्पनियां, निफ्टी, डाउजोन्स, नेरोलैक, काफी, सीमेन्ट बनाने वाली कम्पनियों के शेयर्स मशीनरी व कम्प्यूटर्स आदि बनाने वाली कम्पनियों के शेयर्स, इलेक्ट्रॉनिक कम्पनियों के शेयर्स,आदि के शेयर्स में काफी अच्छी मंदी होके तेजी देखने को मिलेगी निवेशक इस स्थिति का फायदा अवश्य उठायें यह एक लाभकारी निवेश होगा। मासान्त मे गुरू व शनि के प्रभाव से मार्केट मे मंदी आना प्रारम्भ हो जायेगी यदि आप चाहे तो इस समय से पूर्व ही अपने शेयर्स निकाल सकते है। स्मालकैप, मिडकैप, निफ्टी, न.एस.सी., के लगभग सेसेंक्स को प्रभावित करने वाले शेयर्स के भावों मे मंदी आपको देखने को मिलेगी।
    फरवरी
    मासारम्भ में सूर्य व मंगल के प्रभावित होने से पूरे सप्ताह खरीदारी का एक योग रहेगा रिलायंस ग्रुप के लगभग सभी शेयर्स, बैकिंग सेक्टर मे एस.बी.आई, एच.डी.एफ.सी., कोटक महिन्द्रा, ईन्डस्ईन्ड, आई.सी.आई., बैंक आफ बड़ौदा, आदि एवं बिरला सनलाइफ, टाटा, सीफी, आदि के भावों में तेजी आयेगी। विदेशी कम्पनीयों के शेयर्स मे भी वृद्धि होगी। दूसरे सप्ताह मे सूर्यदेव की कुम्भ संक्रान्ति सोमवारी पड़ रही है, अतः रिलांयस इण्डस्ट्रीज के सभी शेयर्स, सीमेन्ट कम्पनीयों के शेयर्स, सीप्ला, डाबर, टाटास्टील, वीडियोकॉन, आईडिया, भारती एयरटेल, हिण्डालको , टी कम्पनीयों के शेयर मंदे हो जायेगें। तीसरे सप्ताह मे राहु व केतु का दुष्प्रभाव मार्केट मे पड़ने से मंदी ही बनी रहेगी अतः मिडकैप व सेंसेक्स को प्रभावित करने वाली कम्पनीयों के शेयरों में भी बिकवाली की आशंका है। इसमें एक तरफा मुनाफा कमा लेना निवेशकों के लिये उचित रहेगा। अन्यथा ऊपर के भावों मे फंसे रहना पड़ सकता है। मासान्त मे शुक्र व बुध का अच्छा प्रभाव शेयर मार्केट पर पड़ेगा अतः मारूति, हाण्डा, डेल, कैडबरी, आटो मोबाइल, तेल से सम्बन्धित कम्पनियों के शेयर्स अमेरिकी और एशियाई शेयर बाजार संवेदी सूचकांक आधारित कम्पनियां सत्यम विप्रो सैमसंग वीडियोकान आदि के शेयर्स तेज होगे, वही बैंकिग मे पी.एन.बी., विजया, एच.डी.एफ.सी, एस.बी.आई., युनियन बैंक आदि मे भी तेजी आयेगी। अन्नादि पदार्थों में तेजी आयेगी। एच.सी.एल, ओरियन्टल, हिन्डाल्को, हिन्दुजा, जीयो, नेस्डैक, नेस्लें, कैडबरी, आदि कम्पनियों के शेयर्स में अच्छा सुधार होगा। आप इस सप्ताह निवेश कर सकते है।
मार्च
    मासारम्भ के प्रथम सप्ताह में शुक्र व मंगल के प्रभाव से शेयर बाजार में तेजी का असर होने से म्यूच्युअल फंड, बजाज आटो एवं फाईनेन्स, पार्लें, फूड इण्डस्ट्रीज, भवन निर्माण सामग्री बनाने वाली कम्पनीयों के शेयर्स आदि में अच्छी तेजी आयेगी। एल.जी, सैमसंग, हुंडई आदि के शेयरों में भी तेजी का अच्छा योग बनेगा। दुसरे सप्ताह मे गुरू के वक्री होने से कुछ शेयर्स मे तो अच्छी तेजी आयेगी परन्तु कुछ के भाव गिर जायेगें। तेजी बिड़ला ग्रुप के शेयर्स, टेली मार्केटींग, एन.डी.टी.वी., हिण्डाल्को, जीयो आदि मे रहेगी।ं टेक्सटाइल, वीडियोकान, सैमसंग, एल.जी, एल.आई.सी., हॉण्डा, बजाज आटो, आदि शेयर्स मंदे रहेंगे। इसके उपरान्त सूर्यदेव की मीन संक्रान्ति 14 को पड़ेगी अतः नेस्लें, टिस्को, एस.बी.आई, सत्यम आदि के भाव सम रहेंगे। बैंकिंग के शेयरों में हल्की मंदी आकर बाद में तेजी आयेगी। ता.14 से 23 को मार्केट मे खरीदारी का अवसर है, निवेश करें। मशीनरी, वाहन आदि से जुड़े शेयर्स काफी तेज होंगे। सूचना प्रौद्योगिकी, वी.एस.एन.एल., एम.टी.एन.एल, लाल व सफेद रंग के पदार्थों में अच्छी तेजी देखने को मिलेगी। मासान्त मे बुध के वक्री हो जाने से विदेशी मुद्रा में बढ़त, ब्याज दरें मंदी हागी, बैंकिंग सेक्टर मे भी मंदी का असर देखने को मिलेगा, बैंकें एफ डी आदि पर ब्याज दरें घटा देगी। होम लोन, कार लोन, व्यापारी लोन सस्ते होगें। आई.टी, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट बनाने वाली सभी कम्पनीयों के शेयर्स में तेजी का योग बनेगा। अर्थ व्यवस्था चरमारने का पूरे अंदेशा बनेगा परन्तु कुछ अच्छे सुझावों से कार्य बनेगा। कुछ वस्तुओं पर टैक्स छुटने परन्तु कुछ पर अधिक टैक्स लगाये जाने की स्थितिया बनेगी। व्यापार जगत मे कुछ नई कम्पनीया जगह बना ले जायेगी।
अप्रैल
     मासारम्भ मे बुध वक्रावस्था मे उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के चतुर्थ चरण मे प्रवेश करेगा अतः अतः इस सप्ताह शेयरों में मन्दी का दौर चलेगा। सत्यम कम्प्यूटर, सोनी, हुण्डई, नोकिया, डेल, प्रकाश इण्डस्ट्रीज, टाटा ग्रुप के सभी शेयर्स व केमिकल्स नेरोलैक आई.सी.आई., रिलांयन्स ग्रुप, बजाज, टेल्को आदि कम्पनियों के शेयर्स गिर जायेगें। दुसरे सप्ताह मे सूर्य देव की मेष संक्रान्ति पड़ रही है अतः तेजी का योग बनेगा एल.जी.,डेल, भारती ऐयरटेल, सीप्ला, कैडबरी, गोडरेज, वोलटॉस, माइक्रोसाफ्ट, विप्रो, हीटाची, एशियाई कम्पनियां, प्लास्टिक की वस्तुएं बनाने वाली कम्पनियों के शेयर्स टेलीकाम एवं सौन्दर्य सामग्री उद्योग, लोहे एवं स्टील के उपकरण बनाने वाली कम्पनियों के शेयर्स मे किया हुआ निवेश लाभकारी रहेगा। ता. 15 को बुध माग्री होगा अतः कोल्डड्रिंक, सिगरेट चाय काफी नेरोलक आदि कम्पनियों के शेयर्स में सुद्दार होगा। वाहन केमिकल्स वित्तीय संस्थाओं के शेयर्स सामान्य रहेंगे पी.एन.बी, टाटा, जे.के.,ए.बी.एन.लॉयड, अविन्द मिल्स, बैंको मे सभी शेयर्स दवाई बनाने वाली कम्पनीयों के शेयर्स आदि के शेयर गिर जायेगें। मासान्त में मामूली गिरावट दर्ज की जाएगी। फूड इण्डस्ट्रीज, रेडीमेड गारमेन्ट्स कंपनियों के शेयर्स एवं सीमेन्ट तथा भौतिक वादी वस्तुओं को बनाने वाली कंपनियों के शेयर्स, वित्तीय शेयर्स, बैंक शेयर्स, जी-टीवी, टाटा-टी, रिलायंस के शेयर्स के भाव बढ़ेगें।
             मई
    मासारम्भ मे मकर के मंगल के प्रभावह होने के कारण शेयर बाजार हल्की मंदी का रूख तो दिखायेगा, परन्तु कुछ ही समय के उपरान्त बाजार में तेजी आयेगी परन्तु शेयर बाजार में अकस्मात् स्थिरता भी दिखाई दे सकती है। 8 से 13 तारीख मे बुध के प्रभावी होने के कारण रिलायंस इण्डस्ट्रीज, बिरला ग्रुप, विप्रो, डाबर, बैजनाथ, कोलगेट, आर.एस.पी.एल., फिल्म जगत से जुड़ी कम्पनीयों के शेयर्स, लारसेन, कोल इण्डिया, ब्रिटानिया,  डी.एल.एफ., हैवेल्स, हिंदुस्तान जिंक एवं मुख्यता सारी विदेशी कम्पनीयों के शेयर्स आदि में तेजी आयेगी। ता.14 को सूर्य देव की वृष संक्रान्ति पड़ेगी जिसके फलस्वरूप माह के तीसरे सप्ताह मे डाबर, रैनबैक्सी, मैरिको, एन.एच.पी.सी., ऑयल इण्डिया, सिप्ला, हिन्दुस्तान लीवर, पीडलाईट, पावरग्रिड, टेक महिन्द्रा आदि शेयरों में तेजी दिखाई देगी। ए.सी.सी, अम्बुजा सीमेंट, आई.पी.सी.एल, आई.बी.पी., इनफोसिस में कुछ उतार-चढ़ाव के मध्य बाजार में तेजी ही रहेगी। आटो मोबाइल, साफ्टवेयर से सम्बन्धित कम्पनियों में भी तगड़ी मंदी इस सप्ताह मे देखने को मिलेगी। मासान्त में बुद्द व सूर्य के मिले-जुले प्रभाव से दूर संचार, मीडिया, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र से सम्बन्द्दित कम्पनियां, पुरानी अर्थव्यवस्था स जुड़े शेयरों में निवेश करना उचित है। स्टील, नेमलीन लाइट, व्यूजुअल, रिलायंस, एल.आई.सी.,आइ.सी.आई.सी.आई, यू.टी.आई, एच.डी.एफ.सी आदि के शेयर अच्छे उतार चढ़ाव के बाद तेजी ही लायेंगे। बैकिंग व रियल स्टेट से जुड़े शेयर्स गिरने की आशंका है।
जून
    मासारम्भ में शनिदेव अपनी वक्रावस्था मे प्रभावी रहेगें  अतः बाजार में तेजी का वातावरण दिखेगा, एच.सी.एल.टेक, कपड़े बनाने वाली कम्पनीयों के शेयर्स, बिरला सन लाईफ, रिलांयस जीयो, टिस्को, रिलायन्स, कम्प्यूटर, फूड इण्डस्ट्री शुगर इण्डस्ट्री औद्योगिक कम्पनियों के शेयर्स वित्तीय संस्थाओं के शेयर्स में तेजी आएगी। पेट्रोल, डीजल आदि के दाम भी बढ़ने की आशंका है। दुसरे सप्ताह मे चतुर्दशी का क्षय ऐप्पल, इन्टेल, माइक्रोसाफ्ट, विप्रो आदि में खासा तेजी देखने को मिलेगी, केमिकल्स गृहस्थ वस्तुओं को बनाने वाली कम्पनियों के शेयर्स, हिन्डाल्को हिन्दुजा एच.सी.एल. ओरिएन्टल, हिन्दुस्तान टेस्को, इण्डेन आदि कम्पनियों के शेयर्स में तेजी आयेगी। तीसरे सप्ताह मे नेप्च्यून के वक्री होने तथा सूर्यदेव की मिथुन संक्रान्ति पड़ने से मंदी आएगी,यह मंदी एन.एस.सी के मुख्य शेयर्स, आई.टी.सी. टेलीकॉम इण्डस्ट्री के शेयर्स में आयेगी। बिचौलिए बाजार में हावी रहेगें। बाजार में जबरदस्त उतार-चढ़ाव का माहौल रहेगा, कभी तेजड़िये तो कभी मंदड़िये हावी होंगे। मासान्त में मंगल के वक्री होने से साफ्टवेयर बनाने वाली, सीमेन्ट बनाने वाली, हेल्थ इक्युपमेन्ट बनाने वाली, कम्युटर गेम्स बनाने वाली, आटो मोबाइल सेक्टर, गोल्ट ज्वैलरी बनाने वाली   कम्पनियों के शेयर्स इस सप्ताह तेज होंगे। परन्तु इस सप्ताह कुछ कम्पनीयों के शेयर गिर भी जायेगें जिनमे बैंकिग सेक्टर, भवन निर्माण सामग्री, फनीर्चर, दवा, मशीनरी बनाने वाली कम्पनीया शामिल है।
जुलाई
    माह के पहले सप्ताह मे शुक्र के सिंह राशि मे प्रवेश होने से अधिकांश शेयरों में मंदी आने के उपरान्त तेजी आएगी। परन्तु बाजार के मूड को देखते हुए संस्थागत बिकवाली से अनिश्चितता का माहौल रहेगा। ए.सी.सी, अम्बुजा सीमेंट, श्री सीमेन्ट इन तीनो के शेयर आई.पी.सी.एल,कैडबरी, कोलगेट, कोल इण्डिया, टाटा पावर, अरविन्द मिल्स, नेस्लें, एस.बी.आई., एच.डी.एफ.सी. इनफोसिसनेट, ओरिएन्टल, हिन्डालको, हिन्दुजा, टिस्को, हिन्दुस्तान पेंटाफोर, इण्डेन आदि कम्पनियों के शेयर्स घट-बढ़ कर चलेंग अंत तेजी मे होगें। दूसरे सप्ताह मे गुरू के माग्री होने से अडानी पावर, अपोलो, अशोका लीलैण्ड, बाटा, बर्जर पेन्ट, भारत फोर्ज, भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स, कैस्ट्राल, बॉस, बायकॉन आदि के शेयर बढ़ेगें। तीसरे सप्ताह मे सूर्यदेव की कर्क संक्रान्ति बुद्दवासरीय पड़ेगी अतः सी.इ.एस.सी., आई.सी.आई बैंक, डालमिया भारत लिमिटेड, डीश टीवी, एक्साईड, जी.एम.आर., गोडरेज, ग्लेनमार्क, फार्मा, ईमामी लिमिटेड, आईसर मोटर्स, हेक्सावेयर, गुजरात स्टेट पेट्रोनेट, ईण्डियन बैंक, जे.एस.डब्लयू एनर्जी, जिन्दल स्टील आदि शेयर्स धीरे-धीरे बढ़ेगें। मासान्त मे बुध के वक्री होने से एल.एण्ड टी. जुबील्यन्ट फूड, जुबील्यन्ट लाईफ, एल.आई.हाउसिंग फाईनेन्स, मन्नापुरम फाईनेन्स, एम.आर.एफ., नैटको फार्मा, एन.एम.डी.सी., आयल एण्ड नेचुरल गैस, ओबेराय रियेलटी, एन.टी.पी.सी., आयुर्वेदिक दवायें बनाने वाली कम्पनी, सौन्दर्य प्रसाधन से जुड़ी कम्पनी, ईस्पात ईण्डस्ट्री, कन्ट्रक्शन ईण्डस्ट्री, कोल ईण्डस्ट्री, हेल्थ ईण्डस्ट्री आदि से जुड़ी कम्पनीयों के शेयर्स मे इस अंतिम सप्ताह मे तेजी देखने को मिलेगी। 
            अगस्त
    मासारम्भ में शुक्र के कन्या राशि मे प्रवेश करने से शेयर बाजार में उतार चढ़ाव के बाद अन्त में मंदी लायेगा सूचकांक(सेंसेंक्स) को प्रभावित करने वाले सारे शेयर्स के भाव गिरने लगेंगें। दूसरे सप्ताह मे हर्शल के वक्री हो जाने के कारण शेयर मार्केट मे आप इन शेयर्स मे निवेश करे मारूति, महिन्द्रा, जीयो, टाटा पावर, कैसट्राल, अपोलो    नेस्लें, आई.टी.सी., हिन्दुस्तान लिवर लिमिटेड, नोकिया, सिफी, भारती एयरटेल, हिन्डाल्को, इन्टेल, बैंकिग मे बैंक आफ इण्डिया, ईण्सईन्ड, देना, बी.ओ.बी., आई.सी.आई., कर्नाटका, युनियन, आदि।   तीसरे सप्ताह मे बुध के माग्री होने से मंदी पलटना शुरू होगी अधिकांश शेयर्स के भावों मे गिरावट देखने को मिलेगी। इसका खास असर सीमेन्ट कम्पनीयों, ऐजुकेशन सेक्टर से जुड़ी कम्पनीयों, आटोमोबाईल, आन लाईन ट्रेडिग करने वाली कम्पनीयों, मशीनरी से जुड़ी कम्पनीयों आदि मे देखने को मिलेगा। मासान्त में मंगल के माग्री होने से रिलांयस ग्रुप से जुड़े लगभग शेयर्स मंदे हो जायेगें, टाटा ग्रुप से जुड़े शेयर्स स्थिर हो जायेगें यह समय काफी समझदारी से निर्णय लेने वाला है। पिछले सप्ताह से चली आ रही मंदी मेडिकल, हार्डवेयर, बच्चों की वस्तुयें बनाने वाली कम्पनी, होम अपलायंस, कृषि के उपकरण बनाने वाली कम्पनीयों के शेयर्स, ट्रैवलिग सेक्टर से जुड़ी कम्पनीयों, लेदर ईण्डस्ट्रीज,  फाईनेन्स सेक्टर, बीमा करने वाली कम्पनीयों के शेयर्स, एच.पी., एच.सी.एल., वीप्रो, हुण्डई, नेस्लें, ब्रीटानीया काफी धीरे-धीरें पर तेज होगें। 
    सितम्बर
    मासारम्भ मे शुक्र का तुला राशि मे प्रवेश करेगा अतः बाजार धीमा रहेगा। ता.01 से लेकर 7 तक विदेशी कम्पनीयों, लेदर निर्यात से जुड़ी कम्पनीयों, खनन करने वाली कम्पनीयों एवं कम्यूटर के पार्ट बनाने वाली कम्पनीयों के शेयर्स मे गिरावट दर्ज की जायेगी,आई.टी, मेडिकल व ऐजुकेशन से जुड़ी कम्पनीयों के शेयर तेज होंगे इनमे निवेश करें। दुसरे सप्ताह शनि के माग्री होने का प्रभाव पड़ेगा मार्केट में अच्छा उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा परन्तु अंततः तेजी ही आयेगी कैडबरी, पार्ले, नेस्ले, कोल इण्डिया, टेफ्को, टाटा पावर, निफ्टी के मूख्य शेयर्स आदि के शेयरों में खासा उछाल देखने को मिलेगा, परन्तु इस सप्ताह बैकिंग सेक्टर, फाइनेन्स सेक्टर, बीमा करने वाली कम्पनीयों के शेयर्स गिर जायेगें। ता.17 को सूर्य देव की कन्या संक्रान्ति पड़ेगी, जिससे तेजी-मंदी का मिला जुला असर रहेगा। तेजी के रहते मंदी का एक झटका भी लगेगा इस बीच जो भी निवेश पड़े है उन्हे पड़ा रहने दें बाद मे बिकवाली करके लाभ अर्जित करें, इलेक्ट्रानिक उपकरण को बनाने वाली कम्पनीयों, वित्तीय कम्पनीयों, सप्लायर्स, एच.सी.एल. टेक, खाने पीने की वस्तुओं को बनाने वाली कम्पनीयों के शेयर्स में तेजी  आयेगी,मशीनरी, टेक्सटाइल, स्टेशनरी काफी, चाय आदि में भी तेजी ले आयेगा। मासान्त में निवेशक बैकिंग (एस.बी.आई., इण्डसईण्ड, कोटक बैंक, डी.बी.एस., आई.सी.आई.), टेलीकॉम (भारती एयरटेल, रिलायंस जीयो) एवं छोटे भाव के सभी शेयर्स मे निवेश करे ये सप्ताह लाभप्रद रहेगा। टेक्सटाइल, वीडियोकान, सैमसंग, माइक्रोसाफ्ट, रिलायंस ग्रुप से जुड़े सभी मुख्य शेयर्स, एल.आई.सी. लिमिटेड, टी.सी.एल, महिन्द्रा कोटक,टाटाग्रुप, टाटा टी, गोडरेज, ब्रिटानीया आदि शेयरों में मजबूती देखने को मिलेगी।
अक्टूबर
    मासारम्भ मे प्लूटो के माग्री होन से इंजीनियरिंग सेक्टर, आयॅल सेक्टर, टेक्सटाइल उद्योग, संचार मीडिया क्षेत्र से जुड़ी कम्पनियों, फैशन की वस्तुओं को बनाने वाली कम्पनीयों, हार्डवेयर, मशीनरी के पार्ट बनाने वाली कम्पनीयों के शेयर्स, मिडकैप, महिन्द्र एण्ड महिन्द्रा तथा लगभग सभी मोटर्स कम्पनियों के शेयरों मे वृद्धि होगी। बैंकिंग कम्पनियों के शेयरों में बिकवाली दबाव आने की आशंका है ये शेयर गिरेगें। दुसरे सप्ताह मे गुरू का वृश्चिक राशि मे प्रवेश होने से उपरोक्त सेक्टरों में एक बारगी बाजार नीचे भी आ सकता है, परन्तु बास, टी.एन.टी, पामोलिव, जुबिलीयन्ट, आटो स्टील पॉवर, मिड कैप, मेडिसिन से जुड़ी कम्पनियों, कन्ट्रक्शन सेक्टर, एयरलाईन्स, विदेशी कम्पनीयों के शेयर्स, वीप्रो, सीप्ला आदि तेज होगे पर कुछ समय के लिये। तीसरे सप्ताह मे सूर्यदेव की तुला संक्रान्ति पड़ने के कारण बाजार में हल्की गिरावट की आशंका प्रतीत होगी, शेयरों में स्पष्ट रूप से इस सप्ताह शेयर ब्रोकर बिकवाली का दबाव बनायेंगे परन्तु आपको हल्के धैर्य से निर्णय लेना है। पहले से पड़े हुए शेयर्स को रखकर चलना है। मासान्त मे शुक्र के प्रभावी हो जाने के कारण रिलायंस, बीमा कम्पनियां, इण्टरनेट से जुड़ी कम्पनियां, डाबर, ए.बी.एन. लायड,  डी.एस.ग्रुप, पामोलिव लिमिटेड, एल.आई.सी. लिमिटे, इनफोसिस, सिफी, नेस्ले, डेल, भेल आदि में अच्छी तेजी देखने को मिलेगी।
नवम्बर
    मासारम्भ मे मंगल के प्रभाव से बाजार में एक हल्का सा मंदी का लहरा आयेगा परन्तु वह स्थाई नहीं होगा मार्केट में तेजी कुछ समय बाद आने लगेगी, रिलायंस पावर, रिलायंस जीयो, रिलायंस इन्फ्रा, ए.बी.बी. लिमिटेड, ए.सी.सी. लिमिटेड, अजंता फार्मा, एशीयन पेन्ट, ईमामी, एक्साईड ईण्डसट्रीज, गेल, टिस्को, एस.बी.आई, सत्यम विदेशी बड़ी कम्पनियां, चाइनीज कम्पनियां, एच.सी.एल, हिन्डाल्को, रैनबैक्सी,इनफोसिस आदि कम्पनियों के शेयर्स में अच्छा सुधार होगा निवेशक खासा फायदा इन शेयर्स में उठा सकते हैं। दुसरे सप्ताह मे सूर्य के प्रभाव से सेंसेंक्स का प्रभावित करने वाले सभी शेयर्स के भाव एकाएक गिरते चले जायेंगे। अतः जो पहले तेजी के सौदे करके आये हैं उन्हें 16 तारीख के पूर्व बेचकर मन्दी में आ जायें तभी बेहतर रहेगा। इस सप्ताह में बाजार की गति ऊँचे और नीचे दोनों भावों में अच्छी देखने को मिलेगी। तारीख 16 को सूर्यदेव की वृश्चिक संक्रान्ति पड़ेगी, अद्दिकांश शेयरों में घटा-बढ़ी पूरे माह चलती रहेगी। औद्योगिक कम्पनियों के शेयर्स में विशेष उछाल आएगा,इस समय आप तेजी का लाभ उठा सकते है। वहीं मुख्य शेयरो के बढ़ने के कारण सेंसेक्स मे भी बढ़त दिखेगी। मासान्त में नेप्च्यून के माग्री होने से ए.सी.सी., अम्बूजा सीमेन्ट, बिलि्ंडग मैटिरियल बनाने वाली कम्पनीयों के बैंकों के शेयर्स आदि में अच्छी मजबूती देखने को मिलेगी। आप इस माह मे रिलांयस ग्रुप, टाटा ग्रुप, कैडबरी, नेस्लें हिण्डाल्कों, रैनबैक्सी मिडिया संचार कम्पनीयों के बैंकों के शेयर्स खरीद सकते है,लाभ होगा।
दिसम्बर
    मासारम्भ के प्रथम सप्ताह मे बुध के माग्री होन से बाजार का रूख कुछ गरम रहेगा, विशेषकर बैकिंग शेयर्स,स्टील,चाय,काफी तम्बाकू बैंक टेक्सटाइल मिल्स व आई.टी. शेयर्स में तेजी आएगी। अधिकांश शेयर्स में तेजी बनी रहेगी, हीरो टोयोटा, रिलायंस ग्रुप, हाण्डा, बजाज, सुजुकी, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा, हुण्डई, मारूति, टाटा ग्रुप से जुड़े शेयर्स आदि तगड़ी तेजी का रूख दिखायेंगे। दुसरे सप्ताह मे गुरू के प्रभाव से मंदी का हल्का असर दिखा के तेजी आयेगी कुछ मध्यम गति से चलने वाले इन शेयर्स जैसे रैनबैक्सी, सैमसंग, विप्रो, आदित्य बिड़ला ग्रुप के शेयर्स, डी.एल.एफ., एच.सी.एल., हिंडाल्को, डा.रेडीस, कोल्डडिं्रक, डा.लैब्स अच्छे तेज हांगे। तीसरे सप्ताह मे सूर्य देव की धनु संक्रान्ति पड़ेगी अतः युनियन बैंक, विजया, व आई.सी.आई.,पी.एन.बी., आई.डी.बी.आई, एच.डी.एफ.सी, वीडीयोकॉन, न.टी.पी.सी.हिन्दुस्तान लीवर लिमिटेड, माइक्रोसाफ्ट, विप्रो, नोकिया, आईडीया, फेसबूक, एस.सी.एल., नेरोलैक, काफी, चाय बनाने वाली कम्पनियों के शेयर्स मशीनरी कम्प्यूटर्स आदि बनाने वाली कम्पनियों के शेयर्स, इलेक्ट्रानिक कम्पनियें के  शेयर्स, नोकिया, एल.जी., आदि के शेयर्स में काफी अच्छी तेजी देखने को मिलेगी निवेशक इस स्थिति का फायदा अवश्य उठायें यह एक लाभकारी निवेश है। मासान्त मे रिलायन्स आल ग्रुप, केमिकल्स, टाटाग्रुप, बैकिंग, हिदुस्तान जिंक, कोल ईण्डिया, पार्ले, गेल तेज होगें।
   नोटः- यद्यपि इस जन्त्री  में प्रत्येक लेख लिखते समय ज्योतिषशास्त्र को आधार मानकर लिखा गया है। फिर भी निवेशकों को एवं व्यापारियों को चाहिये वे बुद्धि से कार्य करें। किसी भी हानि के लिये सम्पादक-लेखक प्रकाशक कतई जिम्मेदार न होंगे। किसी भी विवाद का निपटारा कानपुर न्यायालय के अन्तर्गत मान्य होगा।
लेखक- पं. विजय त्रिपाठी ‘विजय’