......... एक बार प्रेम से बोलिए आनंदकंद भगवान श्री कृष्ण चंद की जय.......
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..... हाथी घोड़ा पालकी , जय कन्हैया लाल की |
..... नन्द के घर आनंद भयो, जय बोलो गोपाल की ||
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.....आओ चली मथुरा नगरिया , जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
..... अष्टमी तिथि रही , बुध शुभ दिनवा | रोहिणी नखत लागे भादों का महिनवा ||
..... रिमझिम बरसे बदरिया , जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
..... पहारू सब सोवन लागे, खुलिगे किंवरिया | खुलि गइली बेडी और खुली हथकड़ियाँ ||
..... भइली भयावन अंधेरिया , जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
..... लइके वसुदेव चले गोकुला नगरिया | जमुना उमड़ रही , हहरे लहरिया ||
..... पांवन परसे घटि गए लहरिया , जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
..... घटि गईले जमुना जी , पहुंचे नगरिया | यशुदा के पसवा में रखले कन्हैया ||
..... कन्या लईके पकडे डगरिया , जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
..... नन्द भवन जब रोइले कन्हैया | कहाँ कहाँ शब्द सुने यशुदा मैया ||
.... लगि गइले भीड़ दुवरिया , जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
..... दर्शनवा के सुनि नर मुनि अउले | हरि जी के भक्त सब मंगल गउले ||
..... काहे नहीं लेहला खबरिया जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
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..... नोट - सौभाग्यवश , इस वर्ष जन्माष्टमी के व्रतपर्व पर, मास ( भाद्रपद ) तिथि (अष्टमी ) दिन ( बुधवार ) नक्षत्र ( रोहिणी ) का अद्भुत संयोग है ... सोने में सुहागा यह है कि काशी के समयानुसार आज रात्रि को १० बजकर १९ मिनट से लेकर १२ बजकर १६ मिनट तक ' वृष' लग्न का समावेश रहेगा , उल्लेखनीय है कि कृष्ण जी का जन्म रात्री १२ बजे ' वृष ' लग्न में ही हुआ था ...अत: यह पावन त्यौहार अति शुभ व महत्वपूर्ण हो गया है .....
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..... मेरे आत्मीय बंधुओं ! आप सभी को मेरी ओर से ' श्री कृष्ण जन्माष्टमी ' की शुभ कामनाएँ ...योगीश्वर श्री कृष्ण आप सबकी मनोकामनाओं को पूर्ण करें , आपका जीवन सपरिवार उल्लासमय रहे , प्रभु की कृपा आप पर सदैव बरसती रहे ....
......... एक बार प्रेम से बोलिए वृन्दावन बिहारी लाल की जय.......
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..... हाथी घोड़ा पालकी , जय कन्हैया लाल की |
..... नन्द के घर आनंद भयो, जय बोलो गोपाल की ||
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.....आओ चली मथुरा नगरिया , जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
..... अष्टमी तिथि रही , बुध शुभ दिनवा | रोहिणी नखत लागे भादों का महिनवा ||
..... रिमझिम बरसे बदरिया , जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
..... पहारू सब सोवन लागे, खुलिगे किंवरिया | खुलि गइली बेडी और खुली हथकड़ियाँ ||
..... भइली भयावन अंधेरिया , जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
..... लइके वसुदेव चले गोकुला नगरिया | जमुना उमड़ रही , हहरे लहरिया ||
..... पांवन परसे घटि गए लहरिया , जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
..... घटि गईले जमुना जी , पहुंचे नगरिया | यशुदा के पसवा में रखले कन्हैया ||
..... कन्या लईके पकडे डगरिया , जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
..... नन्द भवन जब रोइले कन्हैया | कहाँ कहाँ शब्द सुने यशुदा मैया ||
.... लगि गइले भीड़ दुवरिया , जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
..... दर्शनवा के सुनि नर मुनि अउले | हरि जी के भक्त सब मंगल गउले ||
..... काहे नहीं लेहला खबरिया जन्मे हैं कृष्ण संवरिया ||
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..... नोट - सौभाग्यवश , इस वर्ष जन्माष्टमी के व्रतपर्व पर, मास ( भाद्रपद ) तिथि (अष्टमी ) दिन ( बुधवार ) नक्षत्र ( रोहिणी ) का अद्भुत संयोग है ... सोने में सुहागा यह है कि काशी के समयानुसार आज रात्रि को १० बजकर १९ मिनट से लेकर १२ बजकर १६ मिनट तक ' वृष' लग्न का समावेश रहेगा , उल्लेखनीय है कि कृष्ण जी का जन्म रात्री १२ बजे ' वृष ' लग्न में ही हुआ था ...अत: यह पावन त्यौहार अति शुभ व महत्वपूर्ण हो गया है .....
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..... मेरे आत्मीय बंधुओं ! आप सभी को मेरी ओर से ' श्री कृष्ण जन्माष्टमी ' की शुभ कामनाएँ ...योगीश्वर श्री कृष्ण आप सबकी मनोकामनाओं को पूर्ण करें , आपका जीवन सपरिवार उल्लासमय रहे , प्रभु की कृपा आप पर सदैव बरसती रहे ....
......... एक बार प्रेम से बोलिए वृन्दावन बिहारी लाल की जय.......