श्री शुभ सम्वत् 2072 माघ मास कृष्ण पक्ष पंचमी (उदयकालीन), तदुपरान्त माघ मास कृष्ण पक्ष षष्ठी दिन शुक्रवार अंग्रेजी तारीखानुसार 29 जनवरी 2016 को घं.25 मि. 28 पर केतु का प्रवेश अपनी स्वाभाविक वक्र गति से कुम्भ राशि में होगा। तात्कालिक चन्द्रमा उस समय हस्त नक्षत्र, कन्या राशि पर स्थित रहेगा। वर्ष के अन्त तक केतु कुम्भ राशि में रहेगा। जिसका पाद व गोचर फल इस प्रकार है।
सन् 2017 में कुम्भ के केतु का पाद बोधक फल।
01 जनवरी 2017 से 17 अगस्त 2017 तक।
मेष-कन्या-वृश्चिक राशि वालों को स्वर्ण पाद से व्यापार व नौकरी में बढ़ोत्तरी, पर पारिवारिक माहौल असंतुलित रहेगा। मान सम्मान व प्रतिष्ठा में कमी आयेगी, व्यर्थ भ्रमण।
वृष-सिंह-मकर राशि वालों को रजत पाद होने से सफलता मिलेगी, प्रत्येक क्षेत्र में किये प्रयास सफल होंगे, आय के नये स्त्रोत, इष्ट मित्रों का सहयोग, व्यापार में बढ़ोत्तरी होगी।
मिथुन-तुला-कुम्भ राशि वालों को लौह पाद होने से जीवन त्रस्त हो जायेगा, सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी, मान-सम्मान व प्रतिष्ठा में कमी, आर्थिक हानि, परिवार में तनाव।
कर्क-मीन-धनु राशि वालों को ताम्रपाद से आगमन, शुभप्रद है प्रगति, लक्ष्मी प्राप्ति, वैभव, सुख-सम्पदा, प्रगति रोजगार आदि में सफल, धर्म-कर्म, सामाजिक कार्य में रूचि।
सन् 2017 में कुम्भ के केतु का गोचर फल।
01 जनवरी 2017 से 17 अगस्त 2017 तक।
मेष राशि वालों को एकादश केतु शुभ प्रभाव बढ़ाने वाला है। राहु जनित दुष्प्रभावां को कम कर लाभार्जन की स्थिति अनुकूल रहेगी। संतान पक्ष की चिन्ता दूर होगी।
वृष राशि वालों को दशमस्थ केतु शुभ प्रभावी होने से राहु के शुभ प्रभावां में वृद्धि होगी। बुद्धिचातुर्य से ऐसे काम को भी अंजाम दे पायेंगे जिसकी संभावना नकारात्मक होगी।
मिथुन राशि वालों को नवम केतु पूज्य है। घर परिवार के दायित्व तो बढ़ेंगे किन्तु उनका सहजता से निर्वाह होगा, वृद्धजनों को तीर्थ यात्रा या विदेश यात्रा करनी पड़ सकती है।
कर्क राशि वालों को आठवें केतु कष्टप्रद है, आय में प्रगति, व्यापार में समानता नही रहेगी, क्रोध की अधिकता से जीवन कष्टदायी होगा। परिवार में विघटन की स्थितियाँ बनेगी।
सिंह राशि वालों को सप्तमस्थ केतु पूज्य है। पारिवारिक मनमुटाव, नित्य जीवन में कुछ कठिनाई अवश्य रहेगी। नौकरी व्यापारिक जीविका की सुरक्षा बनी रहेगी।
कन्या राशि वालों को छठवें केतु शुभ प्रभावी होने से राहुजनित अशुभ प्रभावां को कम करने में सहायक रहेगा, राजकीय सहायता पा सकेंगे। आमदनी के नये स्त्रोत बनेंगे।
तुला राशि वालों को पंचमस्थ केतु पूज्य है। विशेष प्रयत्नां से आर्थिक लाभ मिलेगा। सामाजिक राजनीतिक लोगां को सफलता के अवसर मिलेंगे। प्रियजनां से सहयोग सम्पर्क बढे़गा।
वृश्चिक राशि वालां को चतुर्थ केतु अशुभ है। चालू काम धन्धे में बाधक स्थिति उत्पन्न होगी। शरीर कष्ट, मतिभ्रम, अपव्यय, दुर्घटना आदि की सम्भावना रहेगी।
धनु राशि वालों को तृतीयस्थ केतु शुभ प्रभावी होने से राहु-जनित परेशानियाँ कम होंगी, श्रम संघर्ष के बावजूद रोग, ऋण, शत्रु का भय दूर होगा। भूमि वाहनादि का सुख
मकर राशि वालों को द्वितीयस्थ केतु पूज्य है। धन पक्ष के प्रति सचेष्ट रहें, अन्यथा असावधानी या दैवीय विपदा से द्दन हानि होगी। वाणी की कठोरता से लोगों से सम्बन्ध कटु होंगे।
कुम्भ राशि वालों को जन्मस्थ केतु श्रम संघर्ष की शक्ति देकर सफल जीवन का मार्ग प्रशस्त करेगा। धनाभाव, स्वजनां से आन्तरिक पीड़ा, प्रशासनिक अवरोध-विरोध, द्दर्मबल और दैनिक कठिनाइयों से पूर्ण सुरक्षा देगा।
मीन राशि वालां को द्वादशस्थ केतु अशुभ होगा। इस कारण स्वास्थ्य के प्रति यदा-कदा सचेष्टता आवश्यक होगी। निरर्थक यात्रा करनी पड़ सकती है। विदेश यात्रा का भी योग बनेगा। व्ययाधिक्य, हठवादी प्रवृत्ति बढ़ जायेगी।
सन् 2017 में मकर के केतु का गोचर फल।
17 अगस्त 2017 से सम्वत्सरान्त तक।
मेष राशि वालों को दशमस्थ केतु शुभ प्रभावी होने से राहु के शुभ प्रभावां में वृद्धि होगी। बुद्धिचातुर्य से ऐसे काम को भी अंजाम दे पायेंगे जिसकी संभावना नकारात्मक होगी।
वृष राशि वालों को नवम केतु पूज्य है। घर परिवार के दायित्व तो बढ़ेंगे किन्तु उनका सहजता से निर्वाह होगा, वृद्धजनों को तीर्थ यात्रा या विदेश यात्रा करनी पड़ सकती है।
मिथुन राशि वालों को आठवें केतु कष्टप्रद है, आय में प्रगति, व्यापार में समानता नही रहेगी, क्रोध की अधिकता से जीवन कष्टदायी होगा। परिवार में विघटन की स्थितियाँ बनेगी।
कर्क राशि वालों को सप्तमस्थ केतु पूज्य है। पारिवारिक मनमुटाव, नित्य जीवन में कुछ कठिनाई अवश्य रहेगी। नौकरी व्यापारिक जीविका की सुरक्षा बनी रहेगी।
सिंह राशि वालों को छठवें केतु शुभ प्रभावी होने से राहुजनित अशुभ प्रभावां को कम करने में सहायक रहेगा, राजकीय सहायता पा सकेंगे। आमदनी के नये स्त्रोत बनेंगे।
कन्या राशि वालों को पंचमस्थ केतु पूज्य है। विशेष प्रयत्नां से आर्थिक लाभ मिलेगा। सामाजिक राजनीतिक लोगां को सफलता के अवसर मिलेंगे। प्रियजनां से सहयोग सम्पर्क बढे़गा।
तुला राशि वालां को चतुर्थ केतु अशुभ है। चालू काम धन्धे में बाधक स्थिति उत्पन्न होगी। शरीर कष्ट, मतिभ्रम, अपव्यय, दुर्घटना आदि की सम्भावना रहेगी।
वृश्चिक राशि वालों को तृतीयस्थ केतु शुभ प्रभावी होने से राहु-जनित परेशानियाँ कम होंगी, श्रम संघर्ष के बावजूद रोग, ऋण, शत्रु का भय दूर होगा। भूमि वाहनादि का सुख
धनु राशि वालों को द्वितीयस्थ केतु पूज्य है। धन पक्ष के प्रति सचेष्ट रहें, अन्यथा असावधानी या दैवीय विपदा से द्दन हानि होगी। वाणी की कठोरता से लोगों से सम्बन्ध कटु होंगे।
मकर राशि वालों को जन्मस्थ केतु श्रम संघर्ष की शक्ति देकर सफल जीवन का मार्ग प्रशस्त करेगा। धनाभाव, स्वजनां से आन्तरिक पीड़ा, प्रशासनिक अवरोध-विरोध, द्दर्मबल और दैनिक कठिनाइयों से पूर्ण सुरक्षा देगा।
कुम्भ राशि वालां को द्वादशस्थ केतु अशुभ होगा। इस कारण स्वास्थ्य के प्रति यदा-कदा सचेष्टता आवश्यक होगी। निरर्थक यात्रा करनी पड़ सकती है।
मीन राशि वालों को एकादश केतु शुभ प्रभाव बढ़ाने वाला है। राहु जनित दुष्प्रभावां को कम कर लाभार्जन की स्थिति अनुकूल रहेगी।
सन् 2017 में कुम्भ के केतु का पाद बोधक फल।
01 जनवरी 2017 से 17 अगस्त 2017 तक।
मेष-कन्या-वृश्चिक राशि वालों को स्वर्ण पाद से व्यापार व नौकरी में बढ़ोत्तरी, पर पारिवारिक माहौल असंतुलित रहेगा। मान सम्मान व प्रतिष्ठा में कमी आयेगी, व्यर्थ भ्रमण।
वृष-सिंह-मकर राशि वालों को रजत पाद होने से सफलता मिलेगी, प्रत्येक क्षेत्र में किये प्रयास सफल होंगे, आय के नये स्त्रोत, इष्ट मित्रों का सहयोग, व्यापार में बढ़ोत्तरी होगी।
मिथुन-तुला-कुम्भ राशि वालों को लौह पाद होने से जीवन त्रस्त हो जायेगा, सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी, मान-सम्मान व प्रतिष्ठा में कमी, आर्थिक हानि, परिवार में तनाव।
कर्क-मीन-धनु राशि वालों को ताम्रपाद से आगमन, शुभप्रद है प्रगति, लक्ष्मी प्राप्ति, वैभव, सुख-सम्पदा, प्रगति रोजगार आदि में सफल, धर्म-कर्म, सामाजिक कार्य में रूचि।
सन् 2017 में कुम्भ के केतु का गोचर फल।
01 जनवरी 2017 से 17 अगस्त 2017 तक।
मेष राशि वालों को एकादश केतु शुभ प्रभाव बढ़ाने वाला है। राहु जनित दुष्प्रभावां को कम कर लाभार्जन की स्थिति अनुकूल रहेगी। संतान पक्ष की चिन्ता दूर होगी।
वृष राशि वालों को दशमस्थ केतु शुभ प्रभावी होने से राहु के शुभ प्रभावां में वृद्धि होगी। बुद्धिचातुर्य से ऐसे काम को भी अंजाम दे पायेंगे जिसकी संभावना नकारात्मक होगी।
मिथुन राशि वालों को नवम केतु पूज्य है। घर परिवार के दायित्व तो बढ़ेंगे किन्तु उनका सहजता से निर्वाह होगा, वृद्धजनों को तीर्थ यात्रा या विदेश यात्रा करनी पड़ सकती है।
कर्क राशि वालों को आठवें केतु कष्टप्रद है, आय में प्रगति, व्यापार में समानता नही रहेगी, क्रोध की अधिकता से जीवन कष्टदायी होगा। परिवार में विघटन की स्थितियाँ बनेगी।
सिंह राशि वालों को सप्तमस्थ केतु पूज्य है। पारिवारिक मनमुटाव, नित्य जीवन में कुछ कठिनाई अवश्य रहेगी। नौकरी व्यापारिक जीविका की सुरक्षा बनी रहेगी।
कन्या राशि वालों को छठवें केतु शुभ प्रभावी होने से राहुजनित अशुभ प्रभावां को कम करने में सहायक रहेगा, राजकीय सहायता पा सकेंगे। आमदनी के नये स्त्रोत बनेंगे।
तुला राशि वालों को पंचमस्थ केतु पूज्य है। विशेष प्रयत्नां से आर्थिक लाभ मिलेगा। सामाजिक राजनीतिक लोगां को सफलता के अवसर मिलेंगे। प्रियजनां से सहयोग सम्पर्क बढे़गा।
वृश्चिक राशि वालां को चतुर्थ केतु अशुभ है। चालू काम धन्धे में बाधक स्थिति उत्पन्न होगी। शरीर कष्ट, मतिभ्रम, अपव्यय, दुर्घटना आदि की सम्भावना रहेगी।
धनु राशि वालों को तृतीयस्थ केतु शुभ प्रभावी होने से राहु-जनित परेशानियाँ कम होंगी, श्रम संघर्ष के बावजूद रोग, ऋण, शत्रु का भय दूर होगा। भूमि वाहनादि का सुख
मकर राशि वालों को द्वितीयस्थ केतु पूज्य है। धन पक्ष के प्रति सचेष्ट रहें, अन्यथा असावधानी या दैवीय विपदा से द्दन हानि होगी। वाणी की कठोरता से लोगों से सम्बन्ध कटु होंगे।
कुम्भ राशि वालों को जन्मस्थ केतु श्रम संघर्ष की शक्ति देकर सफल जीवन का मार्ग प्रशस्त करेगा। धनाभाव, स्वजनां से आन्तरिक पीड़ा, प्रशासनिक अवरोध-विरोध, द्दर्मबल और दैनिक कठिनाइयों से पूर्ण सुरक्षा देगा।
मीन राशि वालां को द्वादशस्थ केतु अशुभ होगा। इस कारण स्वास्थ्य के प्रति यदा-कदा सचेष्टता आवश्यक होगी। निरर्थक यात्रा करनी पड़ सकती है। विदेश यात्रा का भी योग बनेगा। व्ययाधिक्य, हठवादी प्रवृत्ति बढ़ जायेगी।
सन् 2017 में मकर के केतु का गोचर फल।
17 अगस्त 2017 से सम्वत्सरान्त तक।
मेष राशि वालों को दशमस्थ केतु शुभ प्रभावी होने से राहु के शुभ प्रभावां में वृद्धि होगी। बुद्धिचातुर्य से ऐसे काम को भी अंजाम दे पायेंगे जिसकी संभावना नकारात्मक होगी।
वृष राशि वालों को नवम केतु पूज्य है। घर परिवार के दायित्व तो बढ़ेंगे किन्तु उनका सहजता से निर्वाह होगा, वृद्धजनों को तीर्थ यात्रा या विदेश यात्रा करनी पड़ सकती है।
मिथुन राशि वालों को आठवें केतु कष्टप्रद है, आय में प्रगति, व्यापार में समानता नही रहेगी, क्रोध की अधिकता से जीवन कष्टदायी होगा। परिवार में विघटन की स्थितियाँ बनेगी।
कर्क राशि वालों को सप्तमस्थ केतु पूज्य है। पारिवारिक मनमुटाव, नित्य जीवन में कुछ कठिनाई अवश्य रहेगी। नौकरी व्यापारिक जीविका की सुरक्षा बनी रहेगी।
सिंह राशि वालों को छठवें केतु शुभ प्रभावी होने से राहुजनित अशुभ प्रभावां को कम करने में सहायक रहेगा, राजकीय सहायता पा सकेंगे। आमदनी के नये स्त्रोत बनेंगे।
कन्या राशि वालों को पंचमस्थ केतु पूज्य है। विशेष प्रयत्नां से आर्थिक लाभ मिलेगा। सामाजिक राजनीतिक लोगां को सफलता के अवसर मिलेंगे। प्रियजनां से सहयोग सम्पर्क बढे़गा।
तुला राशि वालां को चतुर्थ केतु अशुभ है। चालू काम धन्धे में बाधक स्थिति उत्पन्न होगी। शरीर कष्ट, मतिभ्रम, अपव्यय, दुर्घटना आदि की सम्भावना रहेगी।
वृश्चिक राशि वालों को तृतीयस्थ केतु शुभ प्रभावी होने से राहु-जनित परेशानियाँ कम होंगी, श्रम संघर्ष के बावजूद रोग, ऋण, शत्रु का भय दूर होगा। भूमि वाहनादि का सुख
धनु राशि वालों को द्वितीयस्थ केतु पूज्य है। धन पक्ष के प्रति सचेष्ट रहें, अन्यथा असावधानी या दैवीय विपदा से द्दन हानि होगी। वाणी की कठोरता से लोगों से सम्बन्ध कटु होंगे।
मकर राशि वालों को जन्मस्थ केतु श्रम संघर्ष की शक्ति देकर सफल जीवन का मार्ग प्रशस्त करेगा। धनाभाव, स्वजनां से आन्तरिक पीड़ा, प्रशासनिक अवरोध-विरोध, द्दर्मबल और दैनिक कठिनाइयों से पूर्ण सुरक्षा देगा।
कुम्भ राशि वालां को द्वादशस्थ केतु अशुभ होगा। इस कारण स्वास्थ्य के प्रति यदा-कदा सचेष्टता आवश्यक होगी। निरर्थक यात्रा करनी पड़ सकती है।
मीन राशि वालों को एकादश केतु शुभ प्रभाव बढ़ाने वाला है। राहु जनित दुष्प्रभावां को कम कर लाभार्जन की स्थिति अनुकूल रहेगी।
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