Thursday, June 20, 2013

भू पृष्ठ श्री चक्र गृहस्थों के लिए.


           भू पृष्ठ श्री चक्र में स्थिति क्रम से पूजन गृहस्थों के लिए सर्वोत्तम है . श्री यंत्र को पुरश्चरण एवं  इसका दशांश हवन, हवन का दशांश तर्पण , तर्पण का दशांश मार्जन , और मार्जन का दशांश कुमारिका भोज कर लेने के पश्चात ,  स्वर्ण पत्र में आजीवन , रजत ( चांदी ) पत्र में ११ वर्ष ताम्र पत्र में २  वर्ष ,  तथा भोज पत्र में ६ माह तक तक इसका प्रभाव  दृष्टिगोचर होता है . श्री विद्यार्णव के अनुसार श्री चक्र यदि स्फटिक पर निर्मित हो तो उपरोक्त विधान करने के बाद सदैव पूजन के योग्य है .

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